विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी रोकने व जल संरक्षण की दिलाई शपथ

इटावा। विश्व जल दिवस के अवसर पर पर्यावरण छात्र संसद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश यादव ने जल संरक्षण का की शपथ दिलाई। सभी ने शपथ ली कि पानी की बर्बादी रोकेंगे और पानी का संरक्षण करेंगे।


पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में जल संरक्षक निर्मल सिंह ने पानी का महत्व बताते हुए कहा कि ग्लेशियर पिघलना और जल संकट दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या बनकर आई है। इनका हमें निदान करना है। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर पिघल रहे हैं इससे न केवल समुद्र का स्तर बढ़ रहा है बल्कि पेयजल की उपलब्धता भी प्रभावित हो रही है। ग्लेशियर पृथ्वी की प्राकृतिक जल भंडारण प्रणाली है और उनका पिघलने बड़े खतरे का संकेत है जिससे नदियों का प्रवाह असंतुलित हो सकता है। ग्लेशियर के पिघलने के कारणों में ग्लोबल वार्मिंग और जंगल की कटाई प्रमुख है इसलिए हमें इसे रोकना होगा। छात्र संसद के संयोजक प्रधानाचार्य डा कैलाश यादव ने कहा कि बच्चों और बड़ों सभी को पानी के महत्व को समझना होगा। पानी की बर्बादी को रोकना होगा इसके साथ ही हमें बरसात का जल संचय करने के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे। यह प्रयास करें कि पानी की एक बूंद भी बर्बाद ना होने पाए। यदि पानी बर्बाद हुआ तो फिर आने वाले समय में हम पानी के लिए तरस जाएंगे।
कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर खुशबू गुप्ता ने कहा कि जल ही जीवन है हमें इस तरह से प्रयास करने हैं कि पानी का दुरुपयोग न होने पाए और पानी का सदुपयोग करें। टीचिंग एसोसिएट इं कसब खान ने कहा कि पानी बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है और हमें इस जिम्मेदारी का निर्वाहन करना है। पानी की बर्वादी को हर हाल में रोकना होगा। इस मौके पर पर्यावरण छात्र संसद के संयोजक संजय सक्सेना तथा स्वास्थ्य विभाग के वैभव त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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