अयोध्या तीर्थ प्रभावना रथ का भव्य स्वागत किया गया

(प्रेम कुमार शाक्य)
जसवंतनगर/इटावा। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अयोध्या तीर्थ प्रभावना रथ का आगमन हुआ। यह पवित्र रथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के जन्मस्थान अयोध्या से चलकर आया है। गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के सानिध्य में मंदिर निर्माण कार्य की प्रेरणा लेकर पहुँचे इस रथ का नगर में भव्य स्वागत किया गया।

श्रद्धांलुओं ने रथ पर विराजित भगवान आदिनाथ के दर्शन व आरती की रथ में चार इंद्र—राजकमल जैन, अमीर जैन,मनोज जैन,विनोद विनीत जैन, विराजमान रहे। इस दौरान अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर हेतु श्रद्धालुओं ने जिनमूर्ति प्रदान की। जिनमें अमीर चंद्र शोभा जैन, हेमचंद अंकित जैन और नितिन जैन बैंक का विशेष योगदान रहा।
रथ यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों—पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से कैला मइया रोड, छोटा चौराहा, बड़ा चौराहा होते हुए पिंक बूथ तक सम्पन्न हुई। यात्रा के दौरान श्रद्धालु “अयोध्या तीर्थ” के नारे और “भगवान आदिनाथ” के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। कार्यक्रम का संचालन अकलंक शास्त्री जी द्वारा किया गया।गौरतलब है कि अयोध्या जैन समाज का शाश्वत तीर्थ है। यहाँ करोड़ों वर्ष पूर्व प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव सहित भगवान अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ और अनंतनाथ का जन्म हुआ।

यही नहीं, अयोध्या में लगभग नौ लाख वर्ष पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भी जन्म हुआ था। इसी पावन धरती पर भगवान ऋषभदेव के पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म हुआ, जिनके नाम पर इस देश का नाम “भारत” पड़ा। वर्तमान में अयोध्या तीर्थ का विकास पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में निरंतर प्रगति कर रहा है।

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